Wednesday, June 1, 2011
कुछ दिनों के लिए
आप सभी का चिन्मयी के ब्लॉग पर स्वागत है ...उसकी छुट्टियों की मस्ती में आप भी साथ देने आईये :)
आप सब का आभार
Tuesday, May 17, 2011
बौद्ध धर्मसघ के ८ पथ
कई लोग बुद्ध धर्मं को सनातन हिंदू धर्म की ही एक शाख मानते हैं । पर कभी इसको जानने या समझने का मौका नहीं मिला या कहिये मैंने इसमें कभी उतनी दिलचस्पी नहीं ली । कारण तो बहुत से थे । पर धीरे धीरे वक़्त के साथ, मेरी रूचि इस ओर बढ़ने लगी । गौतम बुद्ध के जीवन परिचय के बारे में जो भी कहानियो में सुना था इसके अलावा मेरे पास कोई खास जानकारी नहीं थी । घुम्मकड स्वभाव के होने के कारण अजंता-एलोरा, कन्हेरी और धर्मशाला जैसे बौद्ध धर्म से सम्बंधित ठिकानो के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ पर वो भी केवल छात्र जीवन के दौरान । कुछ कारण वश पिछले ८/१० दिनों से बुद्ध धर्मं से सम्बंधित बातों को पढ़ने का मौका मिला । और सच कहती हूँ जैसे उसमें डूब ही गयी । एक के बाद एक जीवन दर्शन और शिक्षा के पन्ने खुलते गए । कल जब रिमझिम को गौतम बुद्ध की जीवन-कहानी के बारे में सुना रही थी, कि कैसे वो राजकुमार सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध बने तो लगा कि जैसे मैं भी पहली बार ही इस रूप को देख रही हूँ । मैंने भी खुद में एक नया परिवर्तन महसूस किया । उनके धर्मसंघ के आठ नियमों को मै जानने की कोशिश कर रही हूँ । यथोचित अवलोकन (Right View) जीवन में सत्य पथ की ओर ले जाता है । सच में हम हमेशा आँखें जो दिखाती है उसपर पूरा भरोसा करके चलते है पर बहुत कम लोग होते है जो आँखों से दिखाए गए चित्र को संज्ञानात्मक (cognitive) दृष्टि से देखते है ।
बौद्ध धर्मसघ के ८ पथ मै सक्षिप्त में दे रही हू
१. यथोचित अवलोकन (Right View)
२. परम ध्येय (Right Intension)
३. यथोचित भाषण (Right Speech)
४. यथोचित क्रियाशीलता (Right Action)
५. यथोचित आजीविका (Right livelihood)
६. यथोचित प्रयास (Right efforts)
७. यथोचित परिपूर्णता मन / सावधानी (Right Mindfulness)
८. यथोचित एकाग्रता ( Right Concentration)
Friday, May 13, 2011
Thursday, May 5, 2011
मोहसिन रिक्शावाला
आज अचानक याद आया तो बहन को फोन करके पूछा तो बोली बहुत साल हो गए मो-भाई नहीं दिखे है। शायद अब वो कोई और काम करते है........ क्यू? क्या बात हुयी होंगी तब बहन बोली अब लोग अपने बच्चे को शायद उसके साथ भेजना पसंद नहीं करते है।. सच में दुःख हुआ कितना सादा थे वो। ना जादा बात करना, कितना सताते हम उन्हें पर वो हसते रहते थे। मै दो साल उनके रिक्शा में गयी कभी कोई शिकायत नहीं आई। बाद में हम स्कूल में बायसिकल से जाते रहे फिर भी मो-भाई का कॉलोनी छोटे बच्चो लेजाना रोज का था। मुझे याद नहीं उनके बारे में कोई शिकायत किसिस ने की ।
जब रामभाई उनको साथ लाए तो ना हमारी माँ ने, या दोस्तों की माँ ने... ना कहा था। आज लगता है वो दिन अलग थे तब हम हिन्दुस्तानी थे...... ना की हिंदू...... ना मुस्लिम ...आज ना जाने वो भरोसा कहा चला गया है आज हम हिंदू- मुसलमान में बट गए है ..आज आदमीसे पहले हम उसका नाम देखते है जात देखते है.....कहने को एक देश में है पर दिल टूट गए है।
चित्र गूगूल सर्च से साभार
Wednesday, April 27, 2011
बारिश
वो मासूमियत भरे दिनों की याद आज भी मुझे सुकून देती है ... दिल करता है फिर से वही मासूम पल में जियूं ... फिर से बारिश में भीग जाऊ ... फिर उन पलो में डूब जाऊ ....
आज मौसम जरा सर्द है
दिल में उठा क्यूँ ये दर्द है
पहली बारिश की वो यादें
लेके ये आता है
तन मन को फिर मेरे
भीगो जाता है
आज भी भीग लूँ मैं
तेरी बाहों में इस तरह
मिल जाए मेरी रूह
तेरी रूह के साथ
जैसे माटी मिले
जल के साथ
वही पहली खुशबु
आज ये मौसम लाया है
दिल में तेरे प्यार का
मौसम आया है
चित्र गुगुल से साभारMonday, April 18, 2011
बस इतनी सी .........
बस इतनी सी जिंदगी ये
थोड़ी तेरी थोड़ी मेरी
हाथो में हाथ लिए
बैठे थे हम
तेज झोकें से
बिखर गए हम
बस इतनी सी जिंदगी ये
थोड़ी अपनी थोड़ी उसकी
साथ साथ बिताए
वो लम्हे
बहते जा रहे है कही
रोके से अब ये
रुक ना पा रहे अभी
बस इतनी सी जिंदगी ये
कुछ हवा कुछ पानी
हालत ने अब ये कहा
लाके रख दिया कहाँ
साथ साथ होते हुए भी
बेगाना कर दिया
बस इतनी सी जिंदगी ये
तेरी हंसीं मेरे आंसूं
Sunday, April 10, 2011
एक नज़र यहाँ भी ...........
अगर आप को मेरे बनाये व्यंजन पसंद आये हो तो आप मुझे अपनी टिप्पणियों द्वारा उत्साहित कर सकते है, और मेरे नए नए व्यंजनों के बारे में जानने के लिए मुझे follow भी कर सकते है ।
मेरे फेसबुक के पेज पर भी आप पसंद का चटका लगा सकते है FOODETERIAN on facebook.
मुझे आशा है मुझे कोरल पे जिस तरह का सहयोग मिलता आया है वो ही सहयोग FOODETERIANपे भी मिलेगा।
Sunday, April 3, 2011
कांच की बरनी और दो कप चाय
जीवन में जब सब कुछ एक साथ और जल्दी-जल्दी करने की इच्छा होती है, सब कुछ तेजी से पा लेने की इच्छा होती है , और हमें लगने लगता है कि दिन के चौबीस घंटे भी कम पड़ते हैं, उस समय ये बोध कथा , "काँच की बरनी और दो कप चाय" हमें याद आती है ।दर्शनशास्त्र के एक प्रोफ़ेसर कक्षा में आये और उन्होंने छात्रों से कहा कि वे आज जीवन का एक महत्वपूर्ण पाठ पढाने वाले
Saturday, March 19, 2011
Thursday, March 10, 2011
१९ तारीख को चाँद आ रहा है मिलने ...
इस घटना को, चंद्र भू - समीपक (lunar perigee) या फिर Supermoon कहा जाता है । यह तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर अपने कक्ष में घुमते हुए पृथ्वी के निकटतम बिंदु तक पहुँच जाता है । 19 मार्च को यह प्राकृतिक उपग्रह पृथ्वी से 221567 मील की दूरी पर होगा ।
इससे पहले यह स्थिति 1955, 1974, 1992, और 2005 में हुयी थी, और इन वर्षों में मौसम की स्थिति अपने चरम हिस्से में थी । कुछ लोगों का कहना है कि ऐसी स्थिति में पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदाएं बढ़ जाती हैं, पर यह स्पष्ट नहीं है कि चंद्रमा का भू-समीपक और प्राकृतिक आपदाओं का कोई वैज्ञानिक योग है या फिर यह एक महज़ संयोग है । यह तो तय है कि चंद्रमा की स्थिति पृथ्वी को प्रभावित करती है । कई लोगों ने यह कहा है कि चाँद एक भूकंप की तरह कोई भूवैज्ञानिक घटना नहीं पैदा कर सकता है, केवल चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के कारण समुद्र के पानी में ज्वार आ सकता है । और खास कर Supermoon की हालत में यह ज्वार सामान्य से अधिक ऊँचा हो सकता है जिससे तटीय इलाके में समस्या पैदा हो सकती ।
ज़ाहिर है कि ऐसी स्थिति में चाँद एक सामान्य पूर्णिमा की तुलना में बड़ा और उज्जवल होगा ।
मेरा सुझाव है कि हमें इस मौके को नहीं खोना चाहिए और उस रात को उस विशालकाय चाँद को ज़रूर देखना चाहिए ।
Saturday, January 29, 2011
बस एक और हो जाये ....
इस लिए मुझे भी लगता है कि .... इन्द्रनिलजी... और बस…एक और हो जाए
आईये मै आपको इसकी सुन्दरता और कुछ ज़रूरी जानकारियों से रूबरू कराऊँ ।
हीरा - Diamond ग्रीक शब्द “adamas” से लिया गया है जिसका मतलब है “अटूट” ।
हीरा दुनिया का सबसे कठोर वस्तु है । हीरा दरअसल कार्बन (कोयला ) का शुद्धतम रूप है ।
हीरा पृथ्वी के गर्भ में ऐसी जगह बनता है जहाँ का ताप साधारणत २२०० डिग्री सेलसिअस और दबाव ५ गीगापास्कल होता है । ऐसी अवस्था ज़मीन से सामान्यतया १५० किलोमीटर के निचे होती है ।
व्यावसायिक रूप से हीरा ज्वालामुखी के स्फोटन से सबंधित खदानो से प्राप्त किया जाता है । जिसका प्रमुख उदहारण किम्बरले डीपोसिट (kimberlite and lamproite deposits) दक्षिण अफ्रीका है ।
इसके सिवा भी हीरे का एक और प्रकार है जिसे Black diamond या carbonado कहा जाता है और जो दक्षिण अमेरिका तथा अफ्रीका में पाया जाता है । माना जाता है कि उल्का पिंड / उल्कापात से बनता है ।
हीरे रंगहीन पारदर्शी या फिर अनेक रंगों में पाया जाते है । रंग कुछ रचना की त्रुटि (lattice defects) के कारण तथा कुछ रासायनिक अशुद्धता के कारण होता है ।
हमारे भूभाग पर सबसे ज्यादा ४९ % हीरे मध्य तथा दक्षिण अफ्रीका में पाए जाते है। इसके अलावा कनाडा, भारत, रशिया, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया में कई जगह पाए जाते है ।
भारत में पन्ना (मध्य प्रदेश) , कृष्णा, कडप्पा, गुंटूर, मोहब्बतनगर, अनंतपुर ( सब खदाने दक्षिण भारत में हैं) इत्यादि जगहों पे हीरे पाए जाते हैं। अभी भारत में सिर्फ एक हीरे का खदान क्रियाशील है जो मध्यप्रदेश के पन्ना में स्थित है ।
कुछ भारतीय प्रसिद्ध हीरे :
कोहिनूर – गोलकोंडा (आंध्रप्रदेश) के खदानों से प्राप्त किया गया था । कहा जाता है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा हीरा था । इस का वजन उस वक्त १८६ केरेट था, जिसका आकार लगभग एक मुर्गी के अंडे के बराबर था । अभी इसका वजन १०५ केरेट (२१.६ ग्राम )है ।
Hope Diamond – दुनिया का सबसे प्रसिद्ध नीला हीरा माना जाता है जो कि गोलकोंडा के खदानों से प्राप्त किया गया है। आज हीरा अमेरिका का Natural History Museum में रखा गया है । इस हीरे को लेकर कई कहानियां प्रसिद्ध है । जिसमें कहा गया है कि हीरा देवी सीता के माथे से चुराया गया है और जो भी इसे छुता है या अपने पास रखने की कोशिश करता है उसका सर्वनाश होता है।
Regent Diamond – यह एक प्रसिद्ध पारदर्शी हीरा है जो १४०.६४ केरेट का है और अभी फ्रांस के पास है । यह हीरा भी गोलकोंडा के खदानों से प्राप्त किया है ।
Sancy Diamond - यह हलके पीले रंग का हीरा गोलकोंडा के खदानों से प्राप्त किया गया ! यह हीरा मुघलों के पास था । अभी ये हीरा फ्रांस के पास है ।
The Florentine Diamond – हलके पीले रंग का १३७ केरेट का हीरा है जो गोलकोंडा के खदानों से प्राप्त किया गया था ।
उपयोगिता : रत्न के सिवा हीरे को बहुत सी व्यावसायिक प्रक्रिया में उपयोग किया जाता है ।हीरा दुनिया का सबसे कठोर वस्तु है । इसकी कठोरता (hardness) की वजह से इसे उद्योगों में पीसने या रगड़ने की वस्तु (abrasive ) तथा काटने के औजार (diamond drills, Blades ) के हिसाब से उपयोगिता में लाया जाता है। हीरे का उपयोग क्ष-किरण (X -Ray ) मशीन, कर्क रोग उपचार, प्रसाधन सामग्री इत्यादि में होता है ।
हीरा खरीदने से पहले इन ४ बातों का ध्यान रखना चाहिए, हालाँकि आज कल एक पांचवी बात भी ज़रूरी हो गई है ।
ये चार बातें हैं वो जिसे Diamond 4C बोला जाता है:
· Cut / काटने का ढंग
· Clarity / स्पष्टता
· Color / रंग
· Carat weight / कैरट/ रत्ती
और जो सब से जरुरी पांचवी बात है, वो है – Certificates यानि कि प्रमाणपत्र
इस के बारे में आप यहाँ पर विस्तार से पढ़ पाएंगे
http://www.thediamondbuyingguide.com/fourcsofdiamonds.html
http://en.wikipedia.org/wiki/Diamond