हम रोज हसते है, रोते है, नाराज़ होते है, रूठते है मनाते है...... पर जब जिन्दगी की तरफ मुड के देखते है तो पाते है कितने छोटी है ये जिंदगी........ बस इतनी सी.....इतनी सी
बस इतनी सी जिंदगी ये
थोड़ी तेरी थोड़ी मेरी
हाथो में हाथ लिए
बैठे थे हम
तेज झोकें से
बिखर गए हम
बस इतनी सी जिंदगी ये
थोड़ी अपनी थोड़ी उसकी
साथ साथ बिताए
वो लम्हे
बहते जा रहे है कही
रोके से अब ये
रुक ना पा रहे अभी
बस इतनी सी जिंदगी ये
कुछ हवा कुछ पानी
हालत ने अब ये कहा
लाके रख दिया कहाँ
साथ साथ होते हुए भी
बेगाना कर दिया
बस इतनी सी जिंदगी ये
तेरी हंसीं मेरे आंसूं
बस इतनी सी जिंदगी ये
ReplyDeleteतेरी हंसीं मेरे आंसूं
यही तो है ज़िन्दगी, इतनी हो या उतनी। निज़ाम साहब का एक शे’र शेयर कर लूं।
बरसों से घूमता है इसी तरह रात दिन,
लेकिन ज़मीन मिलती नहीं आस्मान को।
बस इतनी सी जिंदगी ये
ReplyDeleteथोड़ी तेरी थोड़ी मेरी
.....बहुत खूबसूरती के साथ शब्दों को पिरोया है इन पंक्तिया में आपने
हालत ने अब ये कहा
ReplyDeleteलाके रख दिया कहाँ
साथ साथ होते हुए भी
बेगाना कर दिया ...
ज़िंदगी का बहुत भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी चित्रण...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
छोटा है जीवन, खुश रहे, यथा सम्भव।
ReplyDeleteहाथो में हाथ लिए
ReplyDeleteबैठे थे हम
तेज झोकें से
बिखर गए हम
बस इतनी सी जिंदगी ये
थोड़ी अपनी थोड़ी उसकी
क्या खुब लिखा है.....लाजवाब पंक्तियाँ.....
हाथो में हाथ लिए
ReplyDeleteबैठे थे हम
तेज झोकें से
बिखर गए हम
बस इतनी सी जिंदगी ये
थोड़ी अपनी थोड़ी उसकी
बहुत दिन बाद लिखा आपने मगर बेहतरीन.
सादर
बहुत सुंदर ओर लाजबाज लिखा, धन्यवाद
ReplyDeleteफिर भी जिन्दगी खूबसूरत है...
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है -
मीडिया की दशा और दिशा पर आंसू बहाएं
भले को भला कहना भी पाप
आपको एवं आपके परिवार को भगवान हनुमान जयंती की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteअंत में :-
श्री राम जय राम जय राम
हारे राम हारे राम हारे राम
हनुमान जी की तरह जप्ते जाओ
अपनी सारी समस्या दूर करते जाओ
!! शुभ हनुमान जयंती !!
आप भी सादर आमंत्रित हैं,
भगवान हनुमान जयंती पर आपको हार्दिक शुभकामनाएँ
वाह .... बहुत खूब ।
ReplyDeleteजिंदगी हर पल जीने का नाम है।
ReplyDeleteबेहद उम्दा !
ReplyDeleteशानदार, बधाई.
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आयें, आपका हार्दिक स्वागत है
मीडिया की दशा और दिशा पर आंसू बहाएं
बहुत सुन्दर और भावप्रणव रचना!
ReplyDeleteभगवान हनुमान जयंती पर आपको हार्दिक शुभकामनाएँ!
कोरल जी पूरी कविता ही सुंदर है |आप व्यस्तता में इतना अच्छा लिखतीं हैं तो फुरसत में .....बधाई और शुभकामनाएं |
ReplyDeleteकितनी सुंदर पंक्तियाँ कहीं आपने..... सच में जीवन छोटा है .....ख़ुशी से जिए इससे अच्छा क्या हो सकता है....
ReplyDeleteबस इतनी सी जिंदगी ये
ReplyDeleteतेरी हंसीं मेरे आंसूं
आपने एकदम सही कहा है। जिन्दगी भले ही छोटी हो, भरपूर होनी चाहिये, आंसू लेकर भी हँसी देने वाली सहीन ज़िन्दगी!
बहुत खूब ।
ReplyDeletebahut sunder.....
ReplyDelete@Suman
ReplyDeleteधन्यवाद सुमन जी
यही जीवन है ....शुभकामनायें !
ReplyDeleteबहुत भावमय सार्थक रचना\\इसी सन्दर्भ मे कुछ पँक्तियाँ--
ReplyDeleteजब छोटी छोती बातों पर
हो जाते हैं
हम से मै और तू
तब रह जाते हैं
ह्क़ैं जीने के
कई बडे बडे पल
पर ये जीवन है ऐसे ही धूप छाँव की तरह चलता रहेगा। शुभकामनायें।
bahut umda rachna...saath hoke bhi begane huye...jo apne the we sabhi anjaane huye.
ReplyDeleteहालत ने अब ये कहा
ReplyDeleteलाके रख दिया कहाँ
साथ साथ होते हुए भी
बेगाना कर दिया
बस इतनी सी जिंदगी ये
तेरी हंसीं मेरे आंसूं
bahut pyaari rachna ,is jeevan ka yahi hai rang roop ,kahi chhanv kahi dhoop .
@ज्योति सिंह
ReplyDeleteधन्यवाद !
बस इतनी सी जिंदगी, तेरी हंसी मेरे आंसू।
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना।
साथ साथ बिताए
ReplyDeleteवो लम्हे
बहते जा रहे है कही
रोके से अब ये
रुक ना पा रहे अभी
बहुत ही प्यारी रचना
बस इतनी सी जिंदगी ये
ReplyDeleteकुछ हवा कुछ पानी
बहुत खूब ।
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
सुन्दर कविता.एक एक पल कीमती है ज़िन्दगी का.
ReplyDeleteजिंदगी होती ही कुछ ऐसी है. बहुत खूब .......... सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteहाथो में हाथ लिए
ReplyDeleteबैठे थे हम
तेज झोकें से
बिखर गए हम
पहले भी आई थी ....
आपकी इस नज़्म ने विचलित किया तृप्ति जी .....
आपकी कलम भी अब ऐसी नज़्म लिखने लगी .....?
दुआ है ये बिखरे तिनके फिर एक बया घरौदा बना लें .....
बया-नया
ReplyDeleteकितना कुछ, इतनी सी कही जाने वाली जि़दगी में.
ReplyDeleteराम-राम जी,
ReplyDeleteजीवन इसी का नाम है इसे जिये जाओ।
Kabhi kabhi saath saath chalte huve bhi ekaaki rahte hain ... bahut marmsparshiy rachna hai ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति|धन्यवाद|
ReplyDeleteकित्ती प्यारी सी कविता..बधाई.
ReplyDelete________________________
'पाखी की दुनिया' में 'पाखी बनी क्लास-मानीटर' !!