पिछले दो दिनों से मौसम कुछ सर्द चल रहा है ... हलकी हलकी बूंदा बांदी हो रही है ... मुझे हमेशा से बारिश से एक अलग सा लगाव रहा है ..... बचपन में ...वो स्कूल से आते हुए दोस्ते को के साथ भीगना... माँ की डाट ... फिर वो कॉलेज कैंटीन की मीठी बारिश की यादे .... फिर प्यार के साथ वो तन मन डूबो के भीगने वाले दिन ... उफ़ ये बारिश ... आज भी बादल छाते है तो मन में वही पुराने गीत उमड़ आते है ...
बारिश की ये रिमझिम गिरती बूंदों की आवाज़ मेरे मन मस्तिष्क में शांति लाती है ... मेरे मन को तरो ताज़ा कर देती है ... मुझे खींच ले जाती है मेरे बचपन के दिनों की ओर जहाँ बिना किसी झिझक के मैं खूब नाचती थी और कागज के नाव के साथ खेलती थी ...वो मासूमियत भरे दिनों की याद आज भी मुझे सुकून देती है ... दिल करता है फिर से वही मासूम पल में जियूं ... फिर से बारिश में भीग जाऊ ... फिर उन पलो में डूब जाऊ ....
आज मौसम जरा सर्द है
दिल में उठा क्यूँ ये दर्द है
पहली बारिश की वो यादें
लेके ये आता है
तन मन को फिर मेरे
भीगो जाता है
आज भी भीग लूँ मैं
तेरी बाहों में इस तरह
मिल जाए मेरी रूह
तेरी रूह के साथ
जैसे माटी मिले
जल के साथ
वही पहली खुशबु
आज ये मौसम लाया है
दिल में तेरे प्यार का
मौसम आया है
चित्र गुगुल से साभार
फिर प्यार भरा मौसम
ReplyDeleteफिर वो पानी...
फिर और किश्ती ..
सच में बंधे रखने वाली कविता.
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन!!!!
सादर
जैसे माटी मिले
ReplyDeleteजल के साथ
वही पहली खुशबु
आज ये मौसम लाया है
वाह!
जैसे माटी मिले
ReplyDeleteजल के साथ
वही पहली खुशबु
आज ये मौसम लाया है...
बहुत खूब! बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..
बहुत खूब कुछ तो है इस कविता में, जो मन को छू गयी।
ReplyDeleteजल के साथ
ReplyDeleteवही पहली खुशबु
आज ये मौसम लाया है
दिल में तेरे प्यार का
मौसम आया है
..बहुत ख़ूबसूरत...ख़ासतौर पर आख़िरी की पंक्तियाँ....मेरा ब्लॉग पर आने और हौसलाअफज़ाई के लिए शुक़्रिया..
Being born in July in the month of 'saawan' i love rains...
ReplyDeleteमाटी की खुश्बू .. वाह
ReplyDeletebahut sundar....
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना ....माटी से जुड़े मन के भाव.....
ReplyDeleteपहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ. बचपन कि मधुर यादें और आपकी बरसात के भिगाव ने तो मन को भिगो कर निहाल कर दिया.
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आयें.आपका हार्दिक स्वागत है.
बहुत सुंदर रचना, बचपन की यादे लिये
ReplyDeleteबारिश का मौसम कुछ न कुछ नया उभार लाता है।
ReplyDeletesach me bachpan ki yade bahut sunder hoti hai...........
ReplyDeletesunder..
सच आपने मन को फिर से बचपन में पहुँचा दिया अच्छी अभिव्यक्ति के लिए बधाई |
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आने के लिटे आभार
आशा
nice......
ReplyDeleteगर्मी के मौसम में बारिश की याद दिलाती कविता बहुत ही सुंदर लगी!
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
सुन्दर कविता को पढवाने के लिए मेरी बधाई स्वीकारें....
ReplyDeleteइस गर्मी में बारिश की याद ...
ReplyDeleteपहली बारिश की बूंदों से लिपटी मिटटी की खुशूब- सी ही !
marmik saras rachana .shukriya .
ReplyDeleteवाह बहुत सुन्दर प्रस्तुति... रचना बहुत बढ़िया है ...
ReplyDeleteये प्यार का मौसम मुबारक आपको तृप्ति जी .....
ReplyDeleteस्कूल के दिनों कि याद दिला दी आपने ...
हम भी कभी छाता लेकर नहीं गए थे स्कूल ...
बारिश हो या धूप बिना छाते के ही जाना होता .....
सच में कितने सुहाने थे वे दिन ......
यादें कई बार जीवन की कडवाहट दूर करने में बहुत सहायक रहती हैं ...शुभकामनायें !!
ReplyDeleteI love rains.
ReplyDeleteबारिश पर कविता,वाह मज़ा आ गया.
Komal ahsason se bhingati rachana...
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