आज से नौ दिन बाद, यानि कि १९ मार्च को हमारा चिरपरिचित चाँद हमसे मिलने पृथ्वी के करीब आ रहा है । मज़े की बात यह है कि १८ सालों यह चाँद की पृथ्वी से निकटतम स्थिति होगी ।
इस घटना को, चंद्र भू - समीपक (lunar perigee) या फिर Supermoon कहा जाता है । यह तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर अपने कक्ष में घुमते हुए पृथ्वी के निकटतम बिंदु तक पहुँच जाता है । 19 मार्च को यह प्राकृतिक उपग्रह पृथ्वी से 221567 मील की दूरी पर होगा ।
इससे पहले यह स्थिति 1955, 1974, 1992, और 2005 में हुयी थी, और इन वर्षों में मौसम की स्थिति अपने चरम हिस्से में थी । कुछ लोगों का कहना है कि ऐसी स्थिति में पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदाएं बढ़ जाती हैं, पर यह स्पष्ट नहीं है कि चंद्रमा का भू-समीपक और प्राकृतिक आपदाओं का कोई वैज्ञानिक योग है या फिर यह एक महज़ संयोग है । यह तो तय है कि चंद्रमा की स्थिति पृथ्वी को प्रभावित करती है । कई लोगों ने यह कहा है कि चाँद एक भूकंप की तरह कोई भूवैज्ञानिक घटना नहीं पैदा कर सकता है, केवल चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के कारण समुद्र के पानी में ज्वार आ सकता है । और खास कर Supermoon की हालत में यह ज्वार सामान्य से अधिक ऊँचा हो सकता है जिससे तटीय इलाके में समस्या पैदा हो सकती ।
ज़ाहिर है कि ऐसी स्थिति में चाँद एक सामान्य पूर्णिमा की तुलना में बड़ा और उज्जवल होगा ।
मेरा सुझाव है कि हमें इस मौके को नहीं खोना चाहिए और उस रात को उस विशालकाय चाँद को ज़रूर देखना चाहिए ।
awashy dekhungi... ek baat aur , tumne apna gyaan baantker achha kiya, warna main vanchit rah jati
ReplyDeleteआभार जानकारी का.
ReplyDeleteबढ़िया जानकारी के लिए आभार|
ReplyDeleteचाँद की निकटता से सौन्दर्य का कोई बोध नही?
ReplyDeletewow...!!! मतलब होली की शाम रोशन होगी... बताने के लिए थैंक्स.... :)
ReplyDeleteजरूर देखेंगे ! उपयोगी सूचना के लिए आभार !
ReplyDeleteइस अनोखे अवसर की जानकारी और याद दिलाने के लिए शुक्रिया। वैसे 19 की रात तो आमतौर पर हर हिन्दुस्तानी बाहर ही होगा,क्योंकि उस रात होली जलेगी।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर जानकारी !!
ReplyDeleteहम भी यह चाँद ज़रूर देखेंगे!
ReplyDeleteएकदम latest जानकारी दी आपने.धन्यवाद.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ब्लॉग तृप्ति जी!
ReplyDeleteअमूमन हिन्दी ब्लॉग हिन्दी भाषा और साहित्यकारी की पूअर कॉपी होते हैं। पर यहां कुछ पोस्टें देख लगता है कि एक जीवन्त व्यक्तित्व सम्प्रेषण कर रहा है। आप जरा समय दीजिये और निरन्तरता बनाइये।
आपके विषयों का वैविध्य अच्छा लगा।
Its indeed a very informative post...Thanks.
ReplyDeleteबडे काम की बात बताई आपने। कोशिश रहेगी की इस सुअवसर का लाभ उठाया जाए।
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पैरों तले जमीन खिसक जाए!
क्या इससे मर्दानगी कम हो जाती है ?
चांद का धरती
ReplyDeleteके नजदीक आने का असर होने लगा.
जापान मे सदी का सबसे बड़ा भूकंप आया है
उसमे इतने लोग मर रहे कि अंदाजा लगाना ही मुश्किल है
@Rohit,
ReplyDeletePlease do not link up two unrelated things just because their times of occurrence are close together. Moreover, 19th is still to come. It is better that we do not act as doomsdat sootsayers.
This earthquake is not due to the Supermoon phenomena, In fact Moon's gravitational force is hardly strong enough to cause any major change in the tectonic structure. Earthquakes occur due to geological phenomena and not due to moon's gravitational force.
Pls refer to these links for your kind information.
http://sb.samwaad.com/2011/03/blog-post_07.html
http://sb.samwaad.com/2010/10/blog-post_29.html
इस अवसर की प्रतीक्षा है ...आपकी इस बेहतरीन प्रस्तुति का आभार ।
ReplyDelete@Rohit
ReplyDeleteMoreover, this earthquake is not the biggest or strongest earthquake of the 21st century. With a magnitude of 8.9 on Richter scale it may come second to the Sumatra Earthquake of 2004 which had a magnitude of 9.1 to 9.2.
तृप्ति जी
ReplyDeleteसादर सस्नेहाभिवादन !
चांद एक सामान्य पूर्णिमा की तुलना में बड़ा और उज्जवल होगा
अच्छा !
… देखना पड़ेगा तब तो … हम जैसे कवि शायर तो हर चांद से प्रेरणा ले'कर सृजन करते हैं … :)
ज्ञानवर्द्द्धक पोस्ट के लिए आभार और बधाई !
विश्व महिला दिवस की हार्दिक बधाई !
शुभकामनाएं !!
मंगलकामनाएं !!!
♥मां पत्नी बेटी बहन;देवियां हैं,चरणों पर शीश धरो!♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
ऐसा तो हर पखवारे में एक बार होता है क्योकि लगभग एक माह में चाँद धरती का एक चक्कर लगा देता है और अंडाकार पथ में महीने में दो बार निकटस्थ और दूरस्थ होता है -यह एक बकवास है जिसे कुछ गपोड़ियों ने अफवाह का रूप दे दिया है !
ReplyDeleteजरूर देखेंगे ...
ReplyDeletetrupti ji namaskar. pehli baar aya hu. aur apki kaafi post's parhi sach main bahut aacha laga. chand to jaroor dekhenge aab. heera pehle hi pehna hua hai. par agli baar jab loonga to certificate dekh kar hi aur aapki profile picture k bare main parh kar aur apki poem's bhi acchi lagi. vaise apki purani profile picture to kaafi logo ne pehle hi net par dekhi hogi lekin aapne jo uske bare main jaankari d hai vo bhi aachi lagi. shukriya
ReplyDeleteइस बात को लेकर कुछ विवाद उत्पन्न हुए हैं ... इसलिए मैं यहाँ कुछ तथ्य सामने लाना ज़रूरी समझती हूँ ...
ReplyDeleteसबसे पहले तो मैं ये साफ़ कर दूं कि पृथ्वी के चारों तरफ घूमते हुए चाँद का कक्षपथ पूरी तरह से गोल नहीं है बल्कि अंडाकार है । चाँद कभी पृथ्वी के नज़दीक आता है तो कभी दूर जाता है । चाँद को पृथ्वी के चारों तरफ एक चक्कर लगाने में २७ दिन लगते हैं । तो २७ दिन में एक बार वो पृथ्वी के पास आता है जिसे भू-समीपक (perigee) कहते हैं । यह भू-समीपक औसतन ३६४३९५ किमी का होता है । लेकिन कुछ सालों के अंतर में यह पेरिजी औसत से कम हो जाता है । ऐसे वक्त चाँद हमेशा से ज्यादा बड़ा और उज्जवल दिखता है ।
इस बार यह भू-समीपक ३५६५७७ किमी का होने वाला है और १८ सालों में यह चाँद का पृथ्वी से निकटतम स्थिति होगी । लेकिन दूरी का यह पार्थक्य इतना कम है कि हकीकत में इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है । वैसे भी चाँद का गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी नहीं है कि इससे पृथ्वी पर ज्वार-भाटा के अलावा कोई खास फर्क पड़े । इसलिए इस बार भी कोई ऐसा प्रभाव पड़ने वाला नहीं है जैसे कि कई लोग, खासकर कुछ ज्योतिषी कह रहे हैं । सामान्य से कुछ ऊँचा ज्वार उठ सकता है बस, जिससे तटवर्तीय इलाकों में रहने वालों के लिए मामूली मुश्किलें आने की संभावना के बारे में कहा जा सकता है पर ये भी तय नहीं है । इसलिए आप लोग बिलकुल निश्चिन्त रहिये ... ये जो ज्योतिषी आप सबको भरमाने की कोशिश में लगे हुए है ... उसपे बिलकुल ध्यान न दें ।
भूकंप, ज्वालामुखी इत्यादि बातों का इससे कोई लेना देना नहीं होता है । उनका कारण अलग होता है ।
तृप्ति जी
ReplyDeleteसादर सस्नेहाभिवादन !
चांद एक सामान्य पूर्णिमा की तुलना में बड़ा और उज्जवल होगा
अच्छा !
… देखना पड़ेगा तब तो … हम जैसे कवि शायर तो हर चांद से प्रेरणा ले'कर सृजन करते हैं … :)
):):
राजेन्द्र जी की पंक्तियाँ चुरा रही हूँ .....
badhiya jaankari
ReplyDeleteकई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
ReplyDeleteबहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
ज्ञान वर्धक आलेख ....देरी के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ
ReplyDeleteआप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
ReplyDeleteसादर
हफ़्तों तक खाते रहो, गुझिया ले ले स्वाद.
ReplyDeleteमगर कभी मत भूलना,नाम भक्त प्रहलाद.
होली की हार्दिक शुभकामनायें.