आज हमने मेल बॉक्स खोला तो चिन्मयी और मेरे ब्लॉग पर कुछ कमेंट्स थे ! जब टिप्पणियां आती है तो बहुत अच्छा लगता है । झट से खोला, पर टिप्पणियां पढ़ी नहीं गयी, किसी अजनबी दोस्त ने दिए थे एक के बाद एक ३ टिप्पणिया, दोनों के लिए एक जैसी । सारे के सारे किसी अस्वस्थ मानसिकता की गन्दी टिप्पणियां ....
बहुत बुरा लगा, कि क्या मानसिकता है ये । कोई ऐसा कायर इंसान है जो अपनी बीमार मनोवृत्ति का परिचय दे रहा है । ऐसे कमेंट्स तुरंत हटाना ज़रूरी होता है । पर मैं भी रोज ब्लॉग चेक नहीं कर पाती हूँ । इसलिए अब ये ज़रूरी हो गया है कि कहीं तो रोक लगाई जाय ।
इसलिए कमेन्ट मोडरेशन सक्षम कर रही हूँ ।
ऐसी मानसिकता वाले लोगों को रोकने का यही एक तरीका फ़िलहाल है मेरे पास । आशा करती हूँ आप मेरे इस फैसले का साथ देंगे ।
शुक्रिया
हर तरह के लोग हैं क्या किया जाये
ReplyDeleteTrupti Indranil जी,
ReplyDeleteहम भी चाँद दिनों पहले इसी से परेशान थे, चिंता न करे ...........
इसे भी पढ़े और कुछ कहे :-
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/86.html
Moderation is the only sensible way but it delays communication.
ReplyDeleteबिल्कुल ठीक किया
ReplyDeleteइस तरह की टिप्पणियों को ब्लॉग जगत में जगह न दें।
ReplyDeleteऐसे बहुतेरे ब्लोग्स हैं जहाँ या तो मोडरेशन है या फिर वर्ड वेरिफिकेशन. बिलकुल सही कदम.
ReplyDeleteअगर आप बेनामी टिप्पणियाँ लेना बंद कर दे तो भी समस्या कम हो जायेगी.. अक्सर ऐसे लोग बेनामी लिखते हैं..नाम लिखने की तो हिम्मत होती नहीं!
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
ReplyDeleteकाव्य प्रयोजन (भाग-९) मूल्य सिद्धांत, राजभाषा हिन्दी पर, पधारें
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
ReplyDeleteअफ़सोस की बात है की लोग ऐसी मानसिकता रखते हैं...... टिप्पणी मोडरेशन ही सही
ReplyDeleteरास्ता है.... पूरी तरह आपके साथ......प्रवीणजी की बातों से भी सहमत.... की ऐसी टिप्पणियों की ब्लॉगजगत में कोई जगह ना हो
कुछ न कुछ मिल ही जायेगा...
ReplyDelete.
ReplyDeleteकोरल जी,
कुछ विकृत मानसिकता वाले अभद्र टिप्पणियां करते हैं, उनका यही एक इलाज है ।
सही निर्णय है आपका ।
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घटिया और गिरी हुई मानसिकता से ग्रस्त लोगों
ReplyDeleteके लिए कोई न कोई तो सज़ा चाहिए ही ...
आपने भी उचित क़दम उठाया है
भगवान् जी का पावन आशीर्वाद आपके साथ रहे,,,
यही प्रार्थना करता हूँ
कमेंट मोडरेशन निसन्देह ज़िम्मेदार ब्लॉगिंग का हिस्सा है।
ReplyDeleteबहुत ही सही निर्णय लिया है आपने ।
ReplyDeleteनमस्कार, इन का इलाज है अनामी टिपण्णियां बंद कर दे , ओर मोडरेशन चार दिन पुरानी टिपण्णियो पर लगा दे, जेसे नयी पोस्ट पर चार दिन तक तो सभी टिपण्णियां झट से दिखाये बाकी माडरेशन, बाकी अगर कोई अपने नाम से या अपनी पहचान से ऎसी बकवास टिपण्णियां दे तो उसे सब के सामने पेश करे, ताकि वो आदमी हम सब के सामने हो ओर सब मिल कर हटा दे अपनी लिस्ट से, वेसे ऎसी टिपण्णियां विकृत मान्सिकता वाले लोग ही करते है, इस लिये इन पर ज्यादा ध्यान ही मत दे
ReplyDeleteयह सही किया आपने आंटी जी.....
ReplyDelete________________
'पाखी की दुनिया' में अंडमान के टेस्टी-टेस्टी केले .
trupti ji moderation jaruri hai..sahi kiya aapne..baaki duniya mein sab tarah ke log hain..khud ko hi sabhalkar chalna padta hai !
ReplyDeleteसही बात है इस बुराई को रोकने के लिये यही करना पडेगा। शुभकामनायें
ReplyDeleteसही कदम!
ReplyDeleteआशीष
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प्रायश्चित
सही किया आपने !
ReplyDeleteRight step for scoundrels.
ReplyDeleteThank u 4 visiting my blog with encouraging comments.
kunwar kusumesh
Trupti Ji,
ReplyDeleteAisi mansikta wale log khud ko hi expose karte hain...Aap chinta na karein aur likhti rahein.
aapki satrein bahut bhavpoorn hain..
Main bhi bina comments ki chinta kiye bagair likhta hun aur wahi likhta hun jo mahsoosta hun.
Dhanyavad aapko aisi tucchhi mansiktawalon ko sabak sikhane ko.