मैंने इस बात पे पहले भी यहाँ लिखा है कि मैंने क्यूँ इस अफगानी भद्र महिला की तस्वीर बतौर "प्रोफाइल फोटो" चुना था । लेकिन जब से (४ सालो से) ये फोटो हमने हमारे "सोशल नेटवर्क" तथा ब्लॉग पर लगाया है, तबसे न जाने कितने लोगो ने हमसे इसे बदलने का अनुरोध किया ...
पर हम भी डटे रहे ....
कि जब तक इन्द्रनील मेरा एक स्केच नहीं बना देते हैं ... तब तक हम इसे नहीं बदलेंगे ...
और आज ८ साल बाद वो दिन आ ही गया । सुब्रमनियम अंकल, आपका ढेरो शुक्रिया जो आपने मेरी पिछली पोस्ट पर ऐसी प्रतिक्रिया दी ... कि इन्द्रनील भी कमर कसके लग पड़े और एक ही दिन में मेरा एक 3D इफेक्ट वाला स्टेंसिल पोर्ट्रेट बना ही दिया ।
आशा करती हूँ कि अब मेरी तस्वीर देख कर कोई घबरायेगा नहीं ।
हााहाहहहहाहाहाह , बहुत सही आपका फोटो तो वास्तव में बहुत ही खतरनाक था, लेकिन अब प्यारा लग रहा है ।
ReplyDeleteबहुत अच्छा है....:)
ReplyDeleteप्रोफाइल आपका है,फोटो कौन सा लगाना है ये आपकी मर्जी है.(हालांकि एक जिज्ञासा मेरे मन में भी थी)लेकिन आज पता चला की सर बहुत अच्छे कलाकार भी हैं.
ReplyDeleteआपका फोटो देखना बहुत अच्छा लगा.
सादर
कितना तो प्यारा चित्र है तो विदेशी आयातित चित्र क्यों लगाया जाये।
ReplyDeleteइन्द्रनिल जी का आभार, मुक्ति दिलाने के लिए. यह सब इतनी ज़ल्दी हो जाने की अपेक्षा नहीं थी. आभार.
ReplyDeleteयह ज्यादा बहेतर है क्युकी आपके ज्यादा करीब है | वैसे वह तस्वीर भी किसी भी तरह से किसी भूतनी की नहीं लगती जैसा कि किसी ने कहा !
ReplyDeleteअफगान महिलाएं के जीवन को अगर नजदीक से देखा जाए ... तो लगता है नारी वादी लोगो कि वहाँ ज्यादा जरूरत है ना कि यहाँ हिन्दुस्तान में !
वैसे यह एक अलग ही मुद्दा है ... सो जाने दीजिये ... शुभकामनाएं आपको !
इसमें कोई शक नहीं कि स्केच बढि़या है। पर फोटो तो वही अच्छा था।
ReplyDeleteमेरी प्यारी सी बिटिया बहुत सुन्दर लग रही है। शुभकामनायें।
ReplyDeleteफोटो अच्छी है.कलर भी इन्द्र नील जी कर देते तो अधिक अच्छा रहता.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ...इन्द्रनील जी हमारा भी धन्यवाद
ReplyDelete:)
ReplyDeleteपहली फ़ोटो के बारे कुछ नही बोलेगे जी..... ओर दुसरी अभी देखी नही, यह जो हे यह तो एक छाया मात्र हे... अब क्या कहे? बस अपनी राम राम ले ले
ReplyDeleteबहुत सुंदर स्केच है....... आपके साथ इन्द्र नील जी को भी बधाई
ReplyDeleteअब आपको थैंक्स बोलूं कि इन्द्रनील जी कोनिर्णय नहीं कर पा रहा, पर तस्वीर बहुत अच्छी है, आभार!
ReplyDeleteआपका फोटो देखना बहुत अच्छा लगा.
ReplyDeleteबडे पहुंचे हुए कलाकार हैं भाई!
ReplyDeleteफोटो तो सच में कर रही सबको अपील जी.
ReplyDeleteपर रंग भी भर दीजिये अब इन्द्र नील जी.
@ Kunwar Kusumesh jee
ReplyDeleteइस में नहीं भर सकते हैं रंग जी
ऐसी तस्वीर का यही है ढंग जी
Nice sketch !
ReplyDeleteडॉ तृप्ति जी ,
ReplyDeleteबहुत अच्छा किया उस तस्वीर को हटा ...
पाठक तस्वीर से बहुत प्रभावित होते हैं ....
जब हम किसी रचना को पढ़ते हैं तो उस रचना के साथ लिखने वाले की तस्वीर खुद ब खुद सामने आ जाती है ....
ऐसे में वो तस्वीर क्या प्रभाव डालती ....?
अब हमें पता है ये डॉ तृप्ति जी की लिखी है ...
शुक्रिया इन्द्रनील जी का ....
अब कोरल को बिलकुल हटा दीजिये ...
हो सके तो पोर्ट्रेट नहीं अपनी तस्वीर लगायें ....
बहुत प्यारा स्कैच है ..इंद्रनील जी को बधाई....
ReplyDeleteDr. Tripti,
ReplyDeleteMr. Sail has done his bit, don't you think it is your turn now to reciprocate:)) we expect a lovely poem on him from you.
मुझे ध्यान है कि प्रोफ़ाईल फ़ोटो से संबंधित पिछली पोस्ट में आपने जिक्र किया था कि आपके देवर भी फ़ोटो बदलने की रिक्वेस्ट कर रहे थे,अच्छा है सबकी फ़रमाईश भी पूरी हुई और इन्द्रानिल जी की एक और कला से हम रुबरु हुये। अब आपकी बारी, इन्द्रानील जी का आभार प्रकट कीजिये:)
आदरणीया तृप्ति जी
ReplyDeleteसस्नेहाभिवादन !
चलिए… एक होरर शो का समापन हुआ :)
मेरी श्रीमतीजी तो टीवी पर ऐसे दृश्य आते ही चैनल बदलने पर मज़बूर कर देती है :)
बहुत अच्छा स्कैच है … एकदम क्लासिक !
इंद्रनील जी को बहुत बहुत बधाई !
अब आपकी रीयल तस्वीर भी आ जानी चाहिए … भई , चेहरा छुपाने की ज़रूरत तो बदसूरत या ग़लत लोगों को होती है ।
आप तो माशाअल्लाह सुंदर और सही व्यक्तित्व की धनी हैं …
और भाई इंद्रनीलजी ने आठ साल बाद ही सही ; आपका आग्रह मान तो लिया न … !
# अब, इस स्कैच को अपने ब्लॉग में शीर्ष पर हमेशा के लिए लगा कर रखलें… … …
हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार