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Friday, July 23, 2010

ये सिर्फ, और सिर्फ, मेरा ब्लॉग है ....

एक मित्र ने मेरी पोस्ट भूख पर टिपण्णी दी है, कि ‘ये भी तो इन्द्रनील जी का ही ब्लॉग है वैसे.....’, टिप्पणी के लिए उनका आभार !

पर अब शायद उनको ये जानकर अचरज होगा कि यह मेरा अपना ब्लॉग है जिसमे में अपने विचार खुद लिखती हूँ !

इस टिपण्णी ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या एक स्त्री का अपना अलग वजूद नहीं हो सकता है ?

आज मैं इस मुकाम पर हूँ (मेरे पास भूगर्भशास्त्र में डाक्टरेट है, विदेश में एक विदेशी कंपनी में काम कर रही हूँ) । क्या मैं इस मुकाम तक यूँ ही आ गई हूँ ? क्या इसमें मेरी कोई मेहनत नहीं है ? और अगर है, तो क्या मै इतनी सक्षम नहीं हूँ कि अपने आप एक ब्लॉग में कुछ लिख पाऊँ ?

ये बात सच है कि हर सफल स्त्री के पीछे उसके पति तथा घरवालों का बहुत सहारा होता है, पर क्या साथ साथ उसकी जिद, उसकी कुछ कर पाने कि चाहत, उसकी मेहनत ये सब बेकार हैं ? लोग ये सब भूल क्यूँ जाते है ?

मुझे इस सोच से चिढ आती है कि एक स्त्री हमेशा ही पुरुष के सहारे चलती है । पुरुष शायद कभी अपनी सोच से बाहर निकलना नहीं चाहते या फिर उनका पुरुष अहंकार उन्हें ये करने से रोकता है । मेरे साथ ये पहली बार नहीं हुआ है ... चूँकि मैं एक पुरुष बहुल विषयक्षेत्र में हूँ, अपने कॉलेज जीवन से ही इस प्रवृति का सामना करते आई हूँ ।

ऐसे शख्स मुझे आये दिन अपनी जिंदगी में मिलते है कभी दोस्त बनके तो कभी कलीग बनकर । पर मैंने भी हारना नहीं सिखा है । मैं लड़ते आई हूँ, और लड़ते रहूंगी । या यूँ कहिये मैं पंख फैलाकर उड़ते रही हूँ और उड़ते उड़ते और ऊँचाइयों पर पहुँच जाउंगी ।

7 comments:

  1. हमारी शुभकामनायें.

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  2. सार्थक सोच ..

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  3. बहुत सही बात कही आपने तृप्ति जी ... मुझे वो लोग पसंद है जूझना और लड़ना जानते हैं .... मेरी शुभकामनाएं .......अगर आप बुरा न माने तो मैं एक बात कहना चाहता हूँ ...अगर हो सके तो अपनी प्रोफाइल की फोटो बदल डालिए ...उसको देख कर डर लग रहा है |

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  4. aap aur unchan uden...hamaari yahi tammana hai...aur haan

    aapne sahi kaha..stri ki kamyaabi ke piche purush hai per thik usi tarah jis tarah purush ke piche stri...

    Anand

    www.kavyalok.com

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  5. Aap kee bat sahee hai . Aise log hote hain jo stree ko kum aankte hain, par humare liye unhe ignore karna hee sabse achcha tareeka hai. Jab aap itani kabil hain to apne par hee bharosa karen.
    Aapki profile photo National Geographic ke cover par dekhi see lagti hai.

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  6. लगे रहि‍ये। अक्‍सर लोग मौन की भाषा नहीं समझते, लोगों को जताना और बताना पड़ता है कि‍ हम हैं, जि‍न्‍दा हैं...

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  7. आप प्रभावी लिखती हैं, मैंने आपको पढ़ा है और मेरा मत है कि आप अपना प्रभाव छोड़ने में कामयाब हैं और रहेंगी ! हार्दिक शुभकामनायें ! !

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टिप्पणी के लिए आपका बहुत धन्यवाद. आपके विचारों का स्वागत है ...

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