उसदिन
अचानक
जिंदगी
आई सामने,
और
बोली -
“अब
तक तुम भाग रही थी
समय
के पीछे,
लो
आज से मैं देती हूँ
तुम्हे
समय,
जितना
चाहे ले लो,
करो
जो मन मर्ज़ी है |
बोलो
तुम क्या करोगी ? “
बस
निकल पड़ी मैं,
जुट
गई एक सूचि बनाने में,
करना
जो था बहुत कुछ,
सूचि
बनती गयी ...
कितना
कुछ ....
पर
ना
जाने क्यूँ,
एक
अजीब अहसास क्यूँ आने लगा,
याद
सताने
लगी
उस
व्यस्तता की
कुछ
खालीपन सा लगने लगा |
तब
समझी
मैं
कि
व्यस्तता थी,
इसलिए
हर
बात की अहमियत थी |
समय
की
अहमियत थी |
शायद
मैंने ही नहीं दिया था महत्व
समय
को ...
फिर
नए जोश के साथ ...
लौट
पड़ी मैं ...
अपनी
उसी व्यस्त दुनिया में
फिर
से
जिंदगी के पीछे |
चित्र साभार : इन्द्रनील
http://www.flickr.com/photos/61602174@N08
bahut hu sundar rachna
ReplyDeleteगहन अभिव्यक्ति
ReplyDeleteलौटना और आगे बढ़ना और लौटना ही जिंदगी है।
ReplyDeleteफिर नए जोश के साथ ...
ReplyDeleteलौट पड़ी मैं ...
अपनी उसी व्यस्त दुनिया में
फिर से जिंदगी के पीछे |
उत्तम पंक्तियाँ....
सादर
Bahut Hi Badhiya....
ReplyDeleteजिस समय जो महत्वपूर्ण है, उसे निभाना आ जाये हमें।
ReplyDeleteवाह ... बेहतरीन
ReplyDeleteयही नियति है आदमी की
ReplyDeleteचाह सही ,पर ग़लत क़दम
मिलते हैं हज़ार मौके उसे
गंवाता है अधिकतर हरदम
सच कहा है ... समय की महत्त्व कों जो जितना जल्दी पहचान ले उतना ही अच्छा ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeleteबहुत खूब ...
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
जीवन में व्यस्तता ही सार्थक है. सुन्दर विचार.
ReplyDeleteचित्र भी, कविता भी - बढिया है!
ReplyDeletesundar kavita :)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना...
ReplyDeleteअर्थपूर्ण..........
अनु
बहुत अच्छी रचना है व्यस्त होना रहना एक आशीर्वाद है हम पर समय का .हाँ यदि आप अमरीका की बात कर रहीं हैं तो यहाँ कोई नीम हकीम नहीं हैं जितने भी काइरो -प्रेक्टर है सबके काम का औडिट होता है फिर तजुर्बा यहाँ भी एहम हैं हम आपको सजेस्ट करतें हैं -DR.Nicholas S.Doinidis ,24037,Meadowbrook Road , Novi ,Michigan 48 375 ,Tel 001-248-348 -7530 .Web:www.Doinidischiro.com...Email:nickdoinidis @yahoo.com.कृपया यहाँ भी देखें -
ReplyDeleteबृहस्पतिवार, 9 अगस्त 2012
औरतों के लिए भी है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा प्रणाली
औरतों के लिए भी है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा प्रणाली
सुंदर आत्ममंथन
ReplyDeleteसुंदर रचना बढ़िया अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteआभार ...
वाह! बेहद खूबसूरत भाव!
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या बात
बढ़िया अभिव्यक्ति
ReplyDeleteवाह! बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteफिर से जिंदगी प्रेरक लगी.
बहुत समय से आप मेरे ब्लॉग पर नही आईं.
शायद भूल ही गयी होंगी.
फिर से जिंदगी बहुत सी बातों पर ध्यान दिला रही है.
व्यस्तताओं में लौटना जीवन को सहेजने का एक तरीका है।
ReplyDeleteअच्छी रचना।
bahut sundar abhivyakti....
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति .पोस्ट दिल को छू गयी.कितने खुबसूरत जज्बात .बहुत खूब,
ReplyDeleteबहुत - बहुत आभार
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