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Wednesday, March 28, 2012

तेजाब

आज सुबह खबर पढके मन व्यथित हो गया ...

माँ बहन बेटी पुकारते हो
लाड प्यार दुलार देते हो,
जब जीवन संगीनी बन जाती है,
तो क्यूँ अय मर्द दुत्कारते हो ||

कैसी व्यथा है नारी जीवन की,
ये कैसा न्याय तेरी बस्ती में,
खून के आसू रुलाकर उसे
तुम तेजाब में नहलाते हो ||



चित्र साभार गूगुल सर्च
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